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Friday, June 30, 2017

शैतान के हमलों से बचने के लिए तक़्वा (संयम) ज़रूरी क्यों है? Taqwa

शैतान को उसके कामों से पहचानना शुरू करेंगे तो आपको मुसलमानों में लीडर बने हुए शैतान मिल जाएंगे। मुसलमानों को आपस में लड़ाते हुए मिल जाएंगे और जिस दुश्मन से आप दुखी हैं, उसके साथ खड़े हुए सत्ता सुख भोगते हुए भी मिल जाएंगे। शैतान का मतलब है सरकश। सरकश लोग सरकश होते हैं, ये किसी धर्म के नहीं होते। इनका दीन धर्म दूसरों पर हुकूमत करना और उनका शोषण करना होता है। इसके लिए ये सोशल इन्जीनियरिंग करते हैं। ख़ुद को सबसे ऊपर रखते हैं। एक समाज के दो बनाते हैं। दोनों को आपस में लड़ाते हैं। ख़ून जब भी बहता है किसी आदमी का बहता है, कोई औरत विधवा होती है और कहीं बच्चे अनाथ होते हैं। दोनों तरफ़ विधवा, अनाथ और डरे हुए लोग वुजूद में आ जाते हैं। डरे हुए लोगों पर हुकूमत चलाना आसान होता है। जो भी समाज में डर फैलाए, अतीत की बातें याद दिलाकर नफ़रत फैलाए, ख़ून बहाए, वह शैतान है। शैतान का रूप सिर्फ़ वही नहीं है, जिसके सिर पर आप विज्ञापन में सींग देखते हैं। आपको इन्सान के रूप में शैतान देखने को मिलेंगे। ये कभी टोपी लगा लेते हैं, कभी बुकऱ्ा पहन लेते हैं, कभी शलवार क़मीस पहन लेंगे, कभी तिलक लगा लेंगे। ये दीन के पीर और धर्म के गुरू होने का आडम्बर भी कर लेंगे लेकिन इन्हें आप इनके काम से ज़रूर पहचान लेंगे। आप इनके प्रशिक्षित चेलों की शिकायत इनसे ही करेंगे तो क्या आप जीवन में शांति और सुरक्षा पा लेंगे?
शैतान आपको शांति और सुरक्षा क्यों देगा? वह अपनी हुकूमत का आधार ही ख़त्म क्यों करेगा? शांति और सुरक्षा के लिए आपको समाज के सज्जन लोगों के साथ मिलकर अपने आस पास प्रेम के विचार फैलाने होंगे। आपको लोगों में जागरूकता लानी होगी। इसके लिए आपको विचार और भावना पर क़ाबू करना सिखाना होगा। जब तक लोग तक़रीर सुनकर नफ़रत से बेक़ाबू होते रहेंगे, हर देश में लोग आपस में एक दूसरे को मारते रहेंगे और शैतान अपने ग़ुलामों पर राज करते रहेंगे। ईमान वालों का यही काम है कि वे इन्सानों को शैतानों की ग़ुलामी से आज़ाद होने का तरीक़ा बताएं।

आप ख़ुद को चेक कर सकते हैं कि आप दूसरों से प्यार करते हैं या नफ़रत? आप कितनी जल्दी ग़ुस्से में आ जाते हैं? किसी ने आपके साथ बुरा किया है तो आपने उसे दिल से माफ़ कर दिया है या फिर उस ज़ख़्म को आज भी याद रखे हुए हैं? अगर आप नफ़रत, ग़ुस्सा, जलन और मायूसी से अपना दिल बचा नहीं सकते तो आप शैतान के आसान शिकार हैं।
शैतान उन लोगों पर हुकूमत करता है जो कि अपने विचार और अपनी भावना के ग़ुलाम हैं। वह लोगों के दिलों में ग़लत विचार (वसवसे) डालता है और फिर ग़लत भावना ख़ुद पैदा होती है और उसकी प्रेरणा से ग़लत काम ख़ुद होता है। आपको लोगों को संयम (तक़्वा) सिखाना होगा। ऐसे ही लोग शैतान से बच सकते हैं। आपको ऐसे लोगों को साथ लेकर संयमी, तक़्वा वाले लोगों की तादाद समाज में बढ़ानी होगी। ऐसे लोग अपने दुश्मन शैतान को पहचानते जाएंगे और उन्हें अपना लीडर बनाने से बचते जाएंगे। यह धीरज के साथ लम्बे समय तक किया जाने वाला काम है। ऐसे लोग राजनीति करें, तब लोगों को न्याय, शांति और सुरक्षा मिलेगी। तब सबका विकास होगा, कल्याण होगा, जो कि लोग चाहते हैं।
अक्सर लोग चाहते हैं कि जल्दी से कुछ हो जाए। जल्दी से तो केवल आपको बहलावा ही मिल सकता है और बहलावा भी वही शैतान देगा, जिसके हमलों के आप शिकार हैं।