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Wednesday, October 11, 2017

How to be a Wellness Coach आत्म-कल्याण गुरु कैसे बनें?

तनाव भगाएं
धन बढ़ाएं
एक आसान तकनीक से
RESEARCH: DR. ANWER JAMAL
D.N.Y.S.
विशेष     
       इस पुस्तिका के कॉपीराईट सुरक्षित नहीं हैं। इसे कल्याण के संकल्प और फ़लाह की नीयत से ही लिखा गया है और इसका कॉपीराईट सुरक्षित नहीं रखा गया है। हरेक भाषा के हरेक व्यक्ति को अनुमति है कि वह इसे बिना काट छाँट किए किसी भी भाषा में अनूदित करके बाँट सकता है।

आभार
       जो अच्छे लोग अच्छी नीयत से कोई धार्मिक संस्था चला रहे हैं और वे अपने कार्यकर्ताओं के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं। हम उनके बहुत आभारी हैं।

इस पुस्तिका की ख़ास बात क्या है?
सबसे ख़ास बात यह है कि
·         पंच तन-मन कर्म तकनीक आसान है
·         यह लगभग FREE है
·         इसे सब कर सकते हैं
·         यह तुरन्त रिज़ल्ट देती है


इस पुस्तिका से क्या लाभ मिलते हैं?
·         आपके मन को शाँति मिलती है
·         आपकी दौलत बढ़ती है
·         आय के नए साधनों पर ध्यान जाता है
·         हमेशा हाथ में अपने कामों को करने लायक़ माल मौजूद रहता है
·         बच्चे बीमारियों से बचते हैं
·         सन्तान पूर्ण आयु तक जीवित रहती है
·         इम्यून सिस्टम बेहतर होता है
·         पति पत्नी में प्रेम बढ़ता है
·         परिवार के सदस्यों में एकता और सहयोग बढ़ता है
·         सकारात्मक ऊर्जा का बहाव सन्तुलन में आने लगता है
·         बीमारियाँ, हादसे और अकाल मृत्यु के अवसर कम हो जाते हैं
...क्योंकि आप प्रकृति के आरोग्य विधान (शिफ़ा के निज़ाम, healing System) को जान लेते हैं।
  

सब्जेक्टः यह पुस्तिका एक अनोखे विषय पर लिखी गई है। विषय है धर्म प्रचारकों का शोषण। आपने मज़दूरों, किसानों, औरतों, बच्चों और कर्मचारियों के शोषण पर बातें की होंगी। आपने उनके लिए होने वाले आन्दोलन भी देखे होंगे। आपने उनसे सहानुभूति भी जतायी होगी। ...लेकिन आपने धर्म प्रचारकों के शोषण पर कभी बात की होगी। आपने कभी उन्हें हड़ताल या कोई माँग करते देखा होगा। यह एक ट्रेज्डी है। उनका शोषण कोई दूसरा नहीं करता बल्कि वही संस्थाएं करती हैं, जिनके लिए वे अपने तन-मन-धन से समर्पित होकर काम करते हैं। भारत एक धर्म प्रधान देश है। करोड़ों लोग किसी किसी संस्था से जुड़कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जहाँ उनका शोषण किया जाता है। उनका शोषण किसी के लिए चिन्ता का विषय नहीं है। पहली बार उनके शोषण के कारण और निवारण के लिए ही कोई पुस्तिका लिखी गई है।   
आम तौर पर धर्म प्रचारकों की आय, सेहत और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कोई सामूहिक प्रयास नहीं किया जाता। यह किसी एक धर्म-मत के प्रचारकों की बात नहीं है बल्कि सभी धर्म-मत की संस्थाओं का हाल एक जैसा है। पहली बार हम एक ऐसी तकनीक सबके हितार्थ दे रहे हैं, जिसे हमने लम्बे समय तक गहन शोध करके विकसित किया है। जो बिल्कुल पन्थ निरपेक्ष है। जिसे हरेक धर्म-मत का अनुयायी कर सकता है।

तनाव दूर करने का सबसे आसान उपाय
DR. ANWER JAMAL
D.N.Y.S.
                दोस्तो। आज हम धर्म-प्रेमियों और दावती भाईयों के मानसिक तनाव को दूर करने के विषय में ज्ञान के कुछ अनमोल मोती आप सबको भेंट करेंगे। ये वे मोती हैं, जिन्हें वेद, क़ुरआन, बाइबिल, गुरू ग्रन्थ साहिब, सूफ़ी दर्शन और योग दर्शन से लेकर आधुनिक मनोविज्ञान की महान खोजों की 30 साल से ज़्यादा स्टडी करके पाया गया है।
समाज के लोग किसी  बाबा के पास कल्याण की आशा में जाते हैं। वे सोचते हैं कि उनके आशीर्वाद से उनके अटके हुए काम बन जाएंगे। रोज़गार मिल जाएगा, आय बढ़ जाएगी, शादी हो जाएगी, बीमारी दूर हो जाएगी या मन को शाँति मिल जाएगी।आदि आदि।
                इस छोटी सी सारगर्भित पुस्तिका के ज़रिये हमने आपको उपरोक्त सभी समस्याओं का हल दे दिया है। इस किताब के ज्ञान से आप बीमारियों की जड़तनावपर ही प्रहार करते हैं। आप प्रकृति के आरोग्य विधान से काम लेकर ख़ुद को  स्वस्थ रख सकते हैं। अपनी ज़रूरत का धन कमा सकते हैं. अपनी बिगड़ी बना सकते हैं क्योंकि सबका मालिक एक है. सबके कल्याण के लिए उसका नियम भी समान है.
प्रकृति का अटल नियम क्या है?
                हर इन्सान कल्याण यानि फ़लाह चाहता है। कल्याण या फ़लाह कुछ निश्चित नियमों पर आधारित है। ये प्राकृतिक नियम हैं, जो शाश्वत हैं। आप इन्हें हरेक धर्म-मत में देख सकते हैं। जैसे कि जैसा बोना, वैसा काटना।
                आज आप जैसे विचारों को अपने मन में रोप रहे हैं, आने वाले समय में उसी के अनुरूप आपके अन्दर भावनाएं उठेंगी और फिर आप उन भावनाओं के अनुरूप ख़ुद ही कर्म करेंगे। फिर उन कर्मों का फल यानि परिणाम अवश्य ही सामने आएगा, जिसे आपको ही भोगना होगा। यह एक निश्चित नियम है।
                भारत, ईरान, अरब और अमेरिका व जापान, पूर्व और पश्चिम के हर देश में यह नियम समान रूप से लागू है। आप नफ़रत के विचार रखेंगे तो मन में नफ़रत की भावना उठेगी। जिससे लड़ाई-झगड़े होंगे। व्यक्ति, परिवार, समाज और देश व राष्ट्र को महान हानि होगी।
                इसके विपरीत प्रेम के विचार से मन में प्रेम की भावना उठेगी। जिससे परोपकार और सेवा के कार्य की प्रेरणा होगी। जिसका फल समाज में सुख-शाँति और समृद्धि बढ़ने के रूप में सामने आएगा। नफ़रत के बीज बोकर प्रेम के फल पाना ऐसे ही असम्भव है, जैसे कि बबूल बोकर आम का फल पाना। यह प्रकृति का अटल नियम है।

धर्म प्रचारक तनावग्रस्त क्यों रहता है?
                जैसा बोना, वैसा काटना; इस नियम का पालन करने से कल्याण निश्चित ही होता है। ऐसे प्राकृति नियमों के ज्ञान के प्रचार को धर्म प्रचार या तब्लीग़े दीन कहते हैं। इस काम में लाखों बहन भाई लगे हुए हैं। ये सभी आम आदमी होते हैं, जो समाज के सामान्य सदस्य होते हैं। आम आदमी की तरह इन्हें भी सुख दुख होता है बल्कि इन्हें दूसरों के मुक़ाबले सुख-दुख थोड़ा ज़्यादा ही होता है। इसकी वजह यह होती है कि जब आम लोग केवल अपने आप में मगन होते हैं, तब ये दूसरों के सुख दुख को अपना मानते हैं। दूसरों को सुखी देखकर ये ख़ुश होते हैं और दूसरों के दुख को देखकर ये दुखी होते हैं। इस स्वभाव की वजह से ये अक्सर तनाव का शिकार रहते हैं। ये समाज में अपराध, नशा और अनैतिक काम देखकर अपने मन में बेचैन रहते हैं। इसके अलावा दूसरे लोगों को जिन कारणों से तनाव रहता है, उन्हीं कारणों से इन्हें भी तनाव रहता है।

धर्म प्रचारकों का शोषण
                धर्म प्रचारकों का शोषण चर्चा का विषय नहीं बनता। उनकी समस्याओं के समाधान का कोई सामूहिक प्रयास नहीं किया जाता। विभिन्न संस्थाएं इन लोगों से अपने मत-प्रचार का काम तो लेती हैं लेकिन इन्हें कोई वेतन या पारिश्रमिक नहीं दिया जाता। इन लोगों से संस्थाएं दान लेती हैं लेकिन उस आमदनी में से संस्था इन्हें कोई हिस्सा नहीं देती। ज़्यादातर वह आमदनी संस्था के प्रमुख की ऐश में ख़र्च होता है। कुछ जगहों पर संस्था के नाम से बैंक में जमा पड़ा रहता है।
                इनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रखा जाता। साल में एक बार भी इनका मानसिक चेक अप नहीं किया जाता। पूरे जीवन में एक बार भी इनका मानसिक चेक अप नहीं किया जाता। इसी वजह से कई बार आप देखते हैं कि धार्मिक संस्थाओं के कार्यकर्ता नफ़रत का शिकार हो जाते हैं और वे प्रेम के बजाय नफ़रत का सन्देश देने लगते हैं। अगस्त 2017 में हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा के बाबा गुरमीत की गिरफ़्तारी के विरोध में उनके अनुयायियों द्वारा किया गया हिंसक उत्पात इसकी एक ताज़ा मिसाल है। जिसमें 30 लोग मारे गए और सैकड़ों नर नारी घायल हुए। तनावग्रस्त होकर इस तरह के उत्पात बहुत से धर्म-मत के प्रचारकों द्वारा समय समय पर किये गये हैं।

95 प्रतिशत बीमारियों का कारण है तनाव
                तनाव अपने आप में बहुत कष्ट देने वाली हालत है। इसी के साथ आधुनिक रिसर्च से यह सामने आया है कि 95 प्रतिशत बीमारियों का असली कारण तनाव है। तनाव में नर्वस सिस्टम के काम करने का तरीक़ा बदल जाता है। जिससे बॉडी सेल्स को ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिलता। उनका कचरा बाहर नहीं निकलता। शरीर शुद्ध नहीं होता और शरीर के अंगों में सड़न शुरू हो जाती है। जिससे बीमारियों के कीटाणु पैदा होते हैं। इस तरह कई बीमारियाँ इन्सान में पनपती हैं।

मेंटल हेल्थ सर्वे: यूपी के 20 लाख युवा डिप्रेशन के शिकार,ये है वजह



बड़े-बड़े सपने लेकर जिंदगी की शुरुआत करने वाले युवा जब हकीकत की बेरहम जमीन पर खुद को असुरक्षित महसूस करता है तो उसके अंदर हताशा घर करने लगती है। हताशा की ऐसी ही कई स्वनिर्मित वजहों के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में युवा हताशा की प्रवृत्ति का शिकार हो रहे हैं। यह हताशा उन्हें नशे की लत में धकेलने से लेकर जिंदगी से मोहभंग तक खींच ले जा रही है। उत्तर प्रदेश स्टेट मेंटल हेल्थ सर्वे रिपोर्ट में ऐसा ही एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सैंपल सर्वे के आधार पर तैयार रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश के 20 लाख से ज्यादा कामकाजी युवाओं में जिंदगी जीने का हौसला घट गया है। यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। 
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय भारतीय साइकियाट्रिक सोसाइटी सेंट्रल जोन के वार्षिक अधिवेशन में इस रिपोर्ट पर चर्चा की गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रदेश के 1.95 करोड़ लोग किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी का शिकार हैं। इस संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।

यहां बताया गया कि सर्वे रिपोर्ट उत्तर प्रदेश मेंटल हेल्थ अथॉरिटी को सौंप दी गई है। यह रिपोर्ट प्रदेश के कुछ जिलों में सैम्पल सर्वे के आधार पर तैयार की गई है। संगठन के सेंट्रल जोन के नवनियुक्त चेयरमैन डॉ. रवि कुमार के मुताबिक रिपोर्ट भयावह स्थित दर्शाती है। ओपीडी में आने वाले लगभग 95 फीसदी मरीज डिप्रेशन के किसी न किसी स्टेज में हैं। यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बढ़ रही है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में कुछ अधिक है। युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी, किसी न किसी तरह के नशे की प्रवृति के चलते डिप्रेशन के साथ ही मूड डिसआर्डर जैसी गम्भीर बीमारियां बढ़ा रही हैं। 
हताशा के पांच कारण
-अपेक्षा के अनुरूप नौकरी या काम न मिलना
-काबिलियत के अनुसार वेतन न मिलना
-निजी और सरकारी दोनों में ही असुरक्षा की भावना
-जरा-सी विपरीत स्थिति में नशे की गिरफ्त में आ जाना
-बड़े-बड़े सपने देखना और हकीकत का विपरीत होना
ये उपाय बचा सकते हैं
-तनाव महसूस हो तो व्यायाम और योग करें
-अपने संसाधन और क्षमता के अनुरूप ही काम करें
-सकारात्मक विचारों से बेहतरी की उम्मीद बढ़ाएं
-जहां भी अच्छे काम हो रहे हों वहां जरूर जाएं
-बिना लापरवाही मनोचिकित्सक की सलाह लें
सरकार से अपेक्षाएं
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को मजबूत करने के साथ प्राइमरी हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर मनोविशेषज्ञों की तैनाती व दवाओं का समुचित प्रबंध किया जाना चाहिए। पुणे से आए बिग्रेडियर डॉ. एमएसवीके राजू के मुताबिक एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में मनोरोग विषय शामिल किया जाना चाहिए। एमडी की सीटें देश के मेडिकल कॉलेजों में बढ़ें। 
मनोरोग विशेषज्ञों की कमी के कुछ आंकड़े
-6000 विशेषज्ञ 130 करोड़ की जनसंख्या पर देश में
-50000 विशेषज्ञ 30 करोड़ की जनसंख्या में अमेरिका में
-75 प्रतिशत मनोरोगियों को मिल पाता है इलाज
-20 लेक्चरर हैं मनोरोग पर एमबीबीएस पाठ्यक्रम में
-01 महीने साइकियाट्री की ट्रेनिंग एमबीबीएस पाठ्यक्रम में
-15 दिन इंटर्नशिप एमबीबीएस की मनोरोग विभाग में
साभार दैनिक हिंदुस्तान 6 अक्तूबर, 2017
समाज में तनाव क्यों है
                विभिन्न कारणों से तनाव जीवन का हिस्सा बन चुका है। छोटे छोटे बच्चे स्कूल के सिलेबस की वजह से तनाव में रहते हैं। बेरोज़गारों को जॉब की वजह से तनाव है। कुंवारी लड़कियों को अपनी शादी की वजह से तनाव रहता है। शादी शुदा जोड़ों को अपने पारिवारिक रिश्तों की वजह से तनाव है। अधेड़ माँ-बाप को अपने बच्चों की सुरक्षा की वजह से तनाव है। बूढ़े लोगों को अपने तिरस्कार और ख़ुद को अनदेखा किए जाने का तनाव है। इसके अलावा पड़ोसियों की वजह से तनाव होता है। राजनीतिक उठा पटख़ की वजह से तनाव हो जाता है। चीज़ों के दाम बढ़ने से लेकर मौसम की मार तक हर चीज़ तनाव की वजह बन रही है। विश्व के बड़े देश ग्लोबल वॉर्मिंग की सूचना देकर तनाव का स्तर बढ़ा रहे हैं। बीमारियों की वजह से भी तनाव रहता है। इसके अलावा दूसरी सैकड़ों चीज़ें भी धर्म-प्रचारकों व दाईयों के मन में तनाव बढ़ा रही हैं। दुनिया में मौत, एक्सीडेन्ट्स और जंगों का बड़ा कारण तनाव है। बढ़ती अशान्ति और बढ़ते अपराध के बीच सीधा रिश्ता है। तनावग्रस्त लोग शाँत समाज का निर्माण नहीं कर सकते और न ही वे शाँति के काम कर सकते हैं।

शाँति और सफलता क्यों नहीं मिली?
                मन की शाँति के लिए ही लोग किसी धार्मिक संस्था से जुड़ते हैं, जहाँ इन्हें इनके धर्म-मत के अनुसार नमाज़, क़ुरआन, नमन, हवन, भजन, सुमिरन, ध्यान और आसन सब कुछ सिखाया जाता है, इसके बावजूद इनमें से अधिकांश लोग नकारात्मक भावनाओं से क्यों मुक्त नहीं हो पाते। इन्हें मन की शाँति और जीवन में सफलता क्यों नहीं मिलती? ये विचारणीय प्रश्न हैं। हम किसी धर्म-मत को दोष देकर इन सवालों से नहीं बच सकते क्योंकि यह समस्या सभी धर्म-मतों के अनुयायियों के साथ है।
                पिछले 30 सालों में मैं बड़े बड़े धर्म-मतों के लोगों से मिला। उनके जीवन और उनके दर्शन को मैंने क़रीब से जाना। जो दूर थे, उनकी किताबों की स्टडी की। जिन्होंने बुलाया, उनके सत्संगों और प्रवचनों में गया। मैंने देखा कि आम तौर पर गाँव और क़स्बों से हज़ारों लाखों लोगों की भीड़ कार्यक्रम में शामिल होती है और फिर वह एक सामान्य सन्देश लेकर वापस लौट जाती है। गुरू, पीर और गाइड के पास इतना समय नहीं होता कि वह उनमें से हरेक के व्यक्तित्व की जाँच करके उसी के हाल के अनुरूप शिक्षा दे सके। यह भी विडम्बना है कि ज़्यादातर गुरू, पीर और गाइड बने हुए लोग मनोविज्ञान के नियमों की जानकारी नहीं रखते और वे ख़ुद गम्भीर मनोरोगी की श्रेणी में आते हैं।
                गुरू-शिष्य, पीर-मुरीद और ख़ास व आम, सबको तनावग्रस्त देखकर, उन्हें शाँति की खोज में भटकते हुए देखकर हमने इसके समाधान के लिए एक बहुत छोटी परन्तु बहुत उपयोगी पुस्तिका लिखने का निश्चय किया। जिससे हर धर्म-मत के प्रचारकों और अनुयायियों को लाभ होगा, यह निश्चित है। ...क्योंकि इसे कल्याण के संकल्प और फ़लाह की नीयत से ही लिखा गया है और इसका कॉपीराईट सुरक्षित नहीं रखा गया है। हरेक भाषा के हरेक व्यक्ति को अनुमति है कि वह इसे किसी भी भाषा में अनूदित करके बाँट सकता है।
                हर इन्सान तनाव से मुक्ति पाना चाहता है लेकिन आखि़र इस तनाव से मुक्ति का उपाय क्या है?
                तनाव से मुक्ति के सैकड़ों तरीक़े हैं। जिनमें योग, मेडिटेशन और अवसादरोधी दवाएं Anti Depressent Medicines शामिल हैं। कुछ तरीक़े जटिल हैं और कुछ बहुत महंगे, जिन्हें सब आयु और आय वाले नहीं कर सकते। बहुत लोगों के लिए योग और मेडिटेशन के लिए समय निकालना मुश्किल होता है। योग और मेडिटेशन के लिए बहुत ज़्यादा सावधानियाँ रखनी पड़ती हैं। योगाचार्य बताते हैं कि यम और नियम के अभाव में योग से लाभ के बजाय हानि हो जाती है।

पंच तन-मन कर्म Five Acts of Mind & Body
                हम आपसे बहुत आसान काम करने के लिए कहेंगे।  हम आपको पंच तन-मन कर्मकी बहुत आसान तकनीक सिखाएंगे। जिसे हमने अपने वर्षों अनुभव और शोध के बाद डिस्कवर किया है। इस तकनीक में तन मन से पाँच काम किए जाते हैं। तन और मन आपस में जुड़े हुए हैं। तन का असर मन पर और मन का असर तन पर ज़रूर पड़ता है। इसे बच्चा, बूढ़ा, जवान, कुंवारी, विवाहिता और गर्भवती स्त्री, सब समान रूप से आसानी से कर सकते हैं। हरेक देश, भाषा और खान-पान वाले लोग इन कर्मों को कर सकते हैं। अगर आप किसी बीमारी का इलाज करा रहे हैं। तब भी आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर पंच तन-मन कर्म तकनीककी प्रैक्टिस कर सकते हैं। आपको चमत्कारी लाभ मिलेंगे।
                1. ख़ुशी: हमने तय किया है कि आप सबको इस तनाव से मुक्ति का आसान और व्यवहारिक उपाय बताया जाए। जिससे आपको ख़ुशी मिलेगी। आपकी ख़ुशी आपके परिवार को ख़ुशी देगी। आप दूसरों को ख़ुशी का यह राज़ बताएंगे तो उन्हें भी ख़ुशी मिलेगी। यह ख़ुशी फैलेगी तो हमें ख़ुशी मिलेगी। तनाव से मुक्ति का एक सबसे बड़ा मंत्र यह है कि आप दूसरों को ख़ुशी देने वाला काम करें। आपको ख़ुशी मिलेगी। ख़ुशी की हालत आपके तनाव को दूर कर देगी।
       आप अपने लिए दूसरों से जैसा बर्ताव चाहते हैं, वैसा बर्ताव आप दूसरों के साथ कीजिए। तब दूसरे आपके साथ वैसा बर्ताव करेंगे, जैसा कि आप उनसे अपने लिए चाहते थे।
       आप किसी अनाथ, बेघर, भूखे आदमी की या सड़क पर भटकते हुए बच्चों की मदद करके देखिए। उसे ख़ुशी मिलेगी। उसी पल आप एक चमत्कार होते हुए देखेंगे कि आपको भी ख़ुशी मिल रही होगी। इससे भी ज़्यादा यह है कि जो लोग मदद के इस सीन को देख रहे होंगे, उन्हें भी ख़ुशी महसूस हो रही होगी। ख़ुशी आपके दिल को ग़म से पाक कर देगी। यह आत्म कल्याण की बुनियादी शिक्षा है। इन्सान की जि़न्दगी का असली मक़सद समाज की सच्ची सेवा करते हुए आत्म-कल्याण करना है। अपना कल्याण आप ख़ुद ही कर सकते हैं, कोई दूसरा आपका कल्याण नहीं कर सकता। दूसरा केवल आपको मार्ग दिखा सकता है, उस पर चलना आपको ही पड़ेगा।
       बुरा रास्ता दिखाने वालों से और नकारात्मक बातें करने वालों से बचें। ये लोग आपकी ख़ुशी को तुरन्त ख़त्म कर देते हैं। इनके पास बैठने के बाद आपको अपने अन्दर ऊर्जा की कमी महसूस होगी। आपको अपने अन्दर घुटन और बेचैनी महसूस होगी। आप लगातार इनके साथ बैठक करते रहे तो फिर आप इन जैसे ही हो जाएंगे। आपके साथ रहकर आपके बच्चे आप जैसे हो जाएंगे। पूरा परिवार गड्ढे में गिर जाएगा और आपको पता भी नहीं लगेगा। आप अपने बच्चों को जैसा बनाना चाहें, वैसा आप ख़ुद बनें। उनके मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें। जब वे बड़े होंगे, तब वे आपको सम्मान और सुख देंगे। आपकी सन्तान फलेगी, आपकी ख़ुशी बढ़ेगी। जो लोग यह काम नहीं करेंगे, वे बुढ़ापे में अपने बेटा और बहू की शिकायत करते हुए मिलेंगे।
       जो भी कर्म आप आज करें, उसका अन्तिम परिणाम ज़रूर देख लें। अन्तिम परिणाम ख़ुशी और कामयाबी देने वाला हो, तभी उस कर्म को करें।
                2. पोषण और सफ़ाईः आप अपने वज़न के हिसाब से दिन भर में इतना पानी ज़रूर पिएं, जिससे आपके शरीर से कचरा बाहर निकल जाए। पानी शान्ति का प्रतीक है। इससे आपको ऑक्सीजन भी मिलती है। पानी बॉडी सेल्स को मिनरल्स व दूसरी ज़रूरी चीज़ें पहुंचाने के लिए बहुत ज़रूरी है। इस फ़कऱ् को पहचानिए कि जब आपको प्यास लगे, तब आप पानी ही पिएं, शर्बत या कोल्ड ड्रिंक नहीं। प्यास लगे तो खाना न खाएं, पानी पिएं। हम रोगियों को जब पानी पीने की सलाह देते हैं, तब वे कहते हैं कि हम पानी कम इसलिए पीते हैं ताकि बार बार वॉश रूम न जाना पड़े। यह बड़ी ग़लती है। आपको बार बार वॉश रूम जाना पड़े तो जाएं लेकिन पानी काफ़ी मात्रा में ज़रूर पिएं। इससे गंदा कचरा और ज़हर बाहर निकलता है। आपके शरीर की शुद्धि होती है।            
                अपने भोजन पर भी ध्यान दें। ऐसा खाना खाएं जिससे आपके शरीर को सभी ज़रूरी तत्व मिल जाएं। कैल्शियम, आयरन और फ़ॉस्फ़ोरस जैसे तत्व खाने से न मिलें तो फिर इनके लिए डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेन्ट लें। ये सप्लीमेन्ट्स भी लगातार नहीं लेने चाहिएं। आसानी से हज़्म होने वाला खाना खाएं। रात का खाना सोने से दो तीन घंटे पहले खा लें।
       रात का खाना हल्का खाएं। सब्जि़यों का जूस जैसे कि लौकी का जूस ले सकते हैं। फल खा सकते हैं। इससे आपकी आँतों की सफ़ाई होगी। बरसों से आँतों पर चिपका हुआ मल साफ़ हो जाएगा। एडल्ट लोगों की आँतों में 20 किलो तक बरसों पुराना कचरा सड़ता हुआ मिला है। पालक का जूस पी सकते हैं। इससे आपके शरीर में ताज़ा ख़ून बनेगा। ख़ून में एसिड लेवल कम होगा। जिससे ख़ून अपनी अल्कलाईन नेचर की तरफ़ वापस आएगा और ख़ून में ऑक्सीजन लेवल बढ़ेगा। हक़ीक़त यह है कि रात के समय शरीर को आराम करने दें। भारी और ज़्यादा भोजन करके आप इसका आराम हराम न करें। आप अपने शौक़ के खानों को सुबह खाएं तो ज़्यादा बेहतर है।
                3. गहरे साँस: दिन में बार बार आप अपने साँस पर ध्यान दें। आप पाएंगे कि आप केवल सीने तक थोड़ा थोड़ा साँस ले रहे हैं। जिससे आपको उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। पेट तक गहरे साँस लें। आप जो भी काम कर रहे हों, उसे करते हुए बीच बीच में आप पेट तक गहरे साँस ले सकते हैं। इससे आपको ऑक्सीजन ज़्यादा मिलेगी। आपको शक्ति और शाँति ज़्यादा मिलेगी।
                4. ग्राउन्डिंग grounding/earthing: यानि अपने शरीर से ज़मीन को छूना। यह चौथा काम है। अगर आप घर या ऑफि़स में बैठे हैं तो आप अपने जूतों में से पैर निकाल कर नंगे फ़र्श पर रख लें। इससे आपको ज़मीन की इलेक्ट्रो-मेग्नेटिक पॉवर मिलेगी। आप सुबह को पार्क में कुछ देर नंगे पैर घास पर चल सकते हैं या ज़मीन पर बैठ सकते हैं। ज़मीन पर खेल सकते हैं। ज़मीन के सम्पर्क में रहें। आपके घर में कच्ची ज़मीन हो या गमले हों तो उनमें अपने हाथों से पौधे लगाएं। उन्हें पानी दें।
       तनाव या डिप्रेशन गहरा हो या पुराना हो तो सूरज निकलने से पहले जाग कर ज़मीन पर बैठ जाएं। पूरब की तरफ़ मुंह करके देखें कि कैसे धीरे धीरे अन्धेरा कम होता है और सूरज की रौशनी फैलती है। ध्यान रखें कि जो आप देख रहे हैं, उसी विषय में आप सोचें। आपका ध्यान भटक जाए तो आप फिर से उसी विषय पर लौट आएं। इसे आप अपने घर की छत या आँगन में कर सकते हैं। आप किसी बाग़ या नदी के किनारे जा सकें, जहाँ शान्ति हो, तो अच्छा है। कुछ दिनों में ही आपको फ़कऱ् नज़र आने लगेगा।
                5. छोटी इलायची: आप छोटी इलायची खाने की आदत डालें। छोटी इलायची को हरगिज़ छोटा न समझें। इसके तन और मन पर बहुत अच्छे असरात पड़ते हैं। सैकड़ों जड़ी बूटियों में से हमने इसे क्यों चुना है? इसका पता आपको ख़ुद चलेगा, जब आप इसे चबाने की आदत बना लेंगे।
                ये पाँचों काम बहुत आसान काम हैं। इन्हें करने के लिए आपको अलग से समय निकालने की ज़रूरत नहीं है। इन्हें करने के लिए आपको किसी से ट्रेनिंग लेने या एक्सपर्ट बनने की ज़रूरत भी नहीं है। इससे आपको तुरन्त लाभ होगा। आपका तनाव तुरन्त कम होगा। आपका नर्वस सिस्टम आपको सपोर्ट करेगा। आपका इम्यून सिस्टम बेहतर काम करेगा। बीमारियों से लड़ने की ताक़त बढ़ेगी। आप यह काम अपने बच्चों को सिखाएंगे तो वे बार बार बीमार नहीं पड़ेंगे। वे अपनी पूर्ण आयु तक जीवित और सुरक्षित रहेंगे। बच्चों की सुरक्षा, यह बहुत महत्वपूर्ण तथ्य है। इस पर ज़रूर ध्यान दें।
                इसके अलावा आपके पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन पर भी इसके बहुत अच्छे असर पड़ेंगे। आपके मन को शान्ति मिलेगी। आप बेहतर फ़ैसले ले पाएंगे। आप अपने जीवन में थोड़ा थोड़ा बदलाव होते हुए पाएंगे। किसी भी वक़्त आपको अचानक बड़ी कामयाबी भी मिल सकती है। शाँति की हालत में अवचेतन मन बहुत अच्छा काम करता है और अवचेतन मन सफलता को आकर्षित करता है। आप अवचेतन मन की शक्ति के बारे में ज़रूर पढ़ें।
अनमोल अनुभूत नुस्ख़े
                दोस्तो! ये वे नुस्ख़े हैं, जिन्हें दुनिया भर में लाखों मरीज़ों ने इस्तेमाल किए हैं और उन्हें तनाव से राहत मिली है। यह लाभकारी जानकारी देने का मक़सद यह है कि आप सेहतमन्द और ख़ुशहाल रहें। ज़्यादा जानकारी के लिए आप इन्टरनेट पर पढ़ सकते हैं या फिर हमसे सम्पर्क कर सकते हैं। हम आपकी मदद के लिए, आपको घर बैठे मुफ़्त सलाह देने के लिए तैयार हैं। हम चिकित्सा को जनसेवा का माध्यम समझते हैं। आपका भला करना हमारा मक़सद है। बरसों की रिसर्च के बाद हम आपको अनमोल मोतियों जैसे ये अनुभूत नुस्ख़े दे रहे हैं।
आमदनी के बढ़ाने के उपाय
                हम आपको छोटी इलायची के कुछ और फ़ायदे बता रहे हैं। जो बहन भाई बेरोज़गारी या कम आमदनी की वजह से तनाव में हैं, वे इन नुस्खों को तैयार करके सेवा के साथ आमदनी भी कर सकते हैं। आप देख सकते हैं कि बहुत से नौजवान देसी दवाएं बेचकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। इन्टरनेट के माध्यम से भी आप दवा, मसाले या दूसरे प्रोडक्ट्स बेचकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। इन्टरनेट पर बहुत से वीडियोज़ में पूरा तरीक़ा और क़ानून बताया गया है। तनाव की वजह जो भी हो, उसका हल मौजूद है।
हरेक समस्या को हल करने का सही तरीक़ा    
       हमारी शिक्षा यह है कि आप अपनी समस्या का समाधान तलाश करें और फिर उस समाधान को साकार करने पर मेहनत करें। आपको सुख-शाँति, समृद्धि और सफलता ज़रूर मिलेगीहर समस्या को आपसे पहले भी लोगों ने हल किया है। उन्होंने उस समस्या के हल बताए हैं। जिन लोगों ने उस समस्या को हल किया है, आप उनसे मिलें। उनके तजुर्बात से फ़ायदा उठाएं।
       हमने तनाव मुक्ति के जो पाँच काम बताए हैं, आप इन्हें सिखाने की क्लास भी अपने घर में या किसी पार्क में संचालित कर सकते हैं। इसे आप निःशुल्क या फ़ीस लेकर, दोनों तरह सिखा सकते हैं। हमारी ओर से पूर्ण अनुमति है। आप इस किताब को छाप कर निःशुल्क या क़ीमत लेकर जैसे आपको सुविधा हो, वैसे बाँट और बेच सकते हैं। हमारी ओर से आपको इसकी अनुमति है।
       हर देश में सेवा और व्यापार के अपार अवसर मौजूद हैं। भारत में भी आय के अनन्त अवसर हैं। आप इनसे तब लाभ उठा सकते हैं, जब आप दूसरों की किसी समस्या को हल करते हैं। बदले में फ़ायदा उठाने वाले लोग आपको ख़ुशी से रूपये देते हैं। आप अपनी सेवा का शुल्क ले सकते हैं। यह पूरी तरह वैध और क़ानूनी है। निर्धनों को यह तकनीक निःशुल्क ही सिखानी होगी।

नौकरी, व्यापार और धन पाने का तरीक़ा
                जिस काम को आप पसन्द करते हैं और उससे दूसरों का भला भी होता है, आप उसमें पूरी महारत हासिल कर लीजिए। फिर उसके बाद आप उस काम के ज़रिये कमाई कर सकते हैं। जब आप दूसरों से अच्छी क्वालिटी की सेवा देते हैं तो आपका काम बढ़ने लगता है। अगर आप उस काम में दूसरों से ज़्यादा माहिर हो जाते हैं तो आपके पास दूर दूर से काम आने लगता है।
                जिस काम को आप पसन्द नहीं करते, जब आप दूसरों को देख कर उसे करते हैं तो आप उसे पूरे शौक़ और पूरे जोश से नहीं कर सकते। जिससे काम की क्वालिटी घटिया रहती है। आप लोगों को सन्तुष्ट नहीं कर पाते। आपको कम काम मिलता है। एक समय ऐसा आता है, जब आपका काम चलना बन्द हो जाता है। बुरे लोगों की और नशेबाज़ों की सोहबत भी काम को चैपट कर देती है। अपने काम को बढ़ाना या घटाना नियमों के अधीन है। इस किताब में हमने इन नियमों को इसलिए समझाया है ताकि आपको अपने काम बनाने के लिए किसी फ़र्ज़ी बाबा के पास जाने की ज़रूरत ही रहे।
                अगर आप जॉब करना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत आपको 416 जॉब रोल्स में से आपकी पसन्द का काम 3 माह के कोर्स में सिखाया जा रहा है। लड़के लड़कियों को किताबें और स्कॉलरशिप भी दी जा रही है। इन कामों को सीख कर आप जॉब कर सकते हैं या आप चाहें तो अपना काम शुरू कर सकते हैं। किसी काम को छोटा समझें। पीपल का बीज शुरू में छोटा सा ही दिखता है। जब उसे बो दिया जाता है तो प्रकृति उसे सपोर्ट करती है। धीरे धीरे वह एक विशाल वृक्ष बन जाता है। ऐसे ही आपका काम भी बढ़ेगा। मेरा काम भी ऐसे ही बढ़ा है। विकास का प्राकृतिक विधान यही है।
                मैं ऐसे लोगों को जानता हूँ, जिन्होंने परिवार की ज़रूरतों के लिए पहले मज़दूरी की। फिर छोटा सा व्यापार शुरू किया और फिर उन्होंने कोठी, कार और समाज में ऊँचा मक़ाम सब कुछ बना लिया। आज उनकी सन्तान पैदाईशी रईस है।
                मेरे परिचितों में अनगिनत लोगों ने छोटी सी शुरूआत की। जितने लोग बुरी सोहबत से बचे रहे और पूरी लगन से डटकर अपना काम करते रहे, वे सब कामयाब हो गए। समाज और सरकार की शिकायतें कीजिए, किसी बाबा से उम्मीदें मत लगाईये। अपने विकास के लिए ख़ुद रास्ता तलाश कीजिए और फिर उस पर एक एक क़दम आगे बढि़ए। आपको सफलता मिलेगी।
                आपके पास बाप दादा की कोई जायदाद नहीं है, आपके पास कोई बड़ी पूंजी नहीं है, तब भी आप कमा सकते हैं। आप अपने दिमाग़ का इस्तेमाल कीजिए। आजकल तनाव दूर करने की कोचिंग देकर भी पैसा कमाया जाता है। बहुत से ऐसे काम हैं, जिनमें आप सिर्फ़ सलाह और मार्गदर्शन देकर ही काफ़ी रूपया कमा सकते हैं। जब लड़का और लड़की आर्थिक रूप से मज़बूत हो जाते हैं, तब उनका शोषण आसान नहीं रह जाता। धर्म प्रचारक ख़ुद को मज़बूत बनाकर शोषण से बच सकते हैं। अपनी मदद आप कीजिए। जिन कामों के लिए आम आदमी किसी बाबा के पास जाते हैं या किसी ऑर्गेनाइज़ेशन में शामिल होते हैं, उन कामों को अब आप ख़ुद कर सकते हैं। इसीलिए यह पुस्तिका लिखी गई है।
               
छोटी इलायची के बड़े फ़ायदे
chhoti elaichi ke bade fayde
1.     मानसिक तनाव से मुक्ति- यदि आप किसी भी कारण से तनाव से ग्रसित हैं तो इलायची खाने या उसकी चाय बना कर पीने से हमारे दिमाग के हार्मोंस एक दम से बदल जाते हैं और आप तरोताज़ा महसूस करते हैं।
2.     इम्यून सिस्टम तेज़ करता है  यह हमारा पाचन तंत्र मजबूत करती है दोस्तों अकसर देखा जाता है की खाने के बाद पान मसाला या इलायची या फिर सौंफ ये चीजें खाई जाती है, कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिये होता है क्योंकि इनमें कुछ ऐसे पोषक तत्व पाये जाते हैं जो जल्दी से खाने को पचा देते हैं, और पेट को सही रखते हैं।
3.     गले की ख़राश दूर करना – गला बैठ जाने या गले की खराश को दूर करने के लिये सुबह उठकर छोटी इलायची चबा-चबा कर खाने से  गले की खराश दूर होती है ।
4.     विषाक्त तत्वों को निकाल देती है- दोस्तों हम शरीर की बाहरी सफाई का तो बड़ा ध्यान रखते हैं, लेकिन यह भूल जाते है कि हमें अंदर की सफाई भी उतनी ही जरुरी होती है जितनी बाहर की अब आप सोच रहें होंगे की बाहर की सफाई तो नहा कर हो सकती है। लेकिन अंदर की कैसे करे ? उसके लिये आपको ज्यादा कुछ नहीं करना बस एक इलायची रोजाना खानी है जी हाँ यह हमारी किडनी से विषाक्त तत्वों को बाहर कर देती है तो हो गई ना अन्दर की भी सफाई।
5.   5.  जी मिचलाने में लाभकारीउल्टी जैसा फील होने पर आप पानी में इलायची को उबाल कर वह पानी पिये उल्टी बंद हो जाती है। काफी लोगों को बस का सफर सूट नहीं करता तो अब जब भी आपको उलटी जैसा फील हो तो एक इलायची मुँह में रख कर उसका रस चूसते रहें | आपको अच्छा लगेगा।
6.     दिमाग़ और आँखों के लिये लाभकारी– 2 से 3 बादाम और 2 से 3 पिस्ते लेकर इलायची के दानों के साथ इन्हें महीन पीस लेते हैं और इस मिश्रण को हम दूध में डालकर पीते हैं तो इससे हमारी यादाश्त के साथ- साथ हमारी आँखों की रोशनी भीं बढ़ेगी साथ ही हमारे दिमाग को भी ताकत मिलेगी ।
7.     ख़ून बढ़ाती है इलायची : इलायची में मौजूद है एक महत्वपूर्ण धातु यानी तांबा भी मौजूद है जो रक्तअल्पता जैसी बीमारी से निजात दिलाता है रण पैदा हुए लक्षणों को कम करने में इलायची महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रक्तअल्पता दूर करने के लिए इलायची पावडर को हल्दी के साथ गर्म दूध में डालकर लेना चाहिए।
8.     नशा कम करना- यदि आपको किसी तरह के नशे से बचना है तो आप जब तब एक इलायची चूस ले दोस्तों नशा सिर्फ शराब का ही नहीं होता हर वो चीज जिसके बिना हम रह नहीं पाते जैसे कुछ लोगों को चाय पीने की लत होती है वह जानते है की चाय उनके लिये नुकसानदेह है। फिर भी वह चाय को चाह कर भी छोड़ नहीं पाते उनके सिर में दर्द हो जाता है। काम नहीं हो पाता तो यह भी एक तरह का नशा है तो इससे बचने कै लिये आप इलायची का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इसमें कुछ ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो तनाव को कम कर देते है।
            9. यौन दुर्बलता कम करने के लिये –  आपको हैरत होगी यह जानकर कि इलायची जैसी छोटी सी चीज से भी कामेच्छा बढ़ाई जा सकती हैं यह विज्ञान में भी साबित किया गया है। इसके लिये आपको करना ये है कि दूध में एक इलायची उबाल कर  दूध को ठंडा करके उसमें असली शहद मिलाकर पीना है इससे मर्दाना कमज़ोरी दूर होती है और यौन क्षमता बढ़ती है।बाज़ार में आमतौर से असली शहद कम मिलता है। आप हमसे असली शहद मंगा सकते हैं। इसके अलावा भी हमारे कई बहुत असरदार शक्तिवर्धक नुस्ख़े हैं, जिन्हें आप हमसे मंगा सकते हैं। जिनसे आप लाभ उठा सकते हैं।
10. आँखों से पानी बहना- यदि कोई आँखों के बहने कि समस्या से ग्रसित है तो वह रोज रात को दूध में इलायची उबाल कर पिये कुछ ही दिनों में पानी बहना बंद हो जायेगा ।             
ज्ञान बढ़ाएं, शक्ति बढ़ेगी
आजकल मोटी किताबें पढ़ने का चलन कम है। इसलिए हमने इस पुस्तिका को छोटा रखा है। पंच तन-मन कर्म तकनीक में बताए गए पाँचों कामों के बारे में आप इन्टरनेट पर विस्तारपूर्वक ज़रूर पढ़ें। मिसाल के तौर पर आप The Science of Happiness, Water Therapy, Benefits of Earthing, Benefits of Deep Breathing और Power of Subconscious Mind को गूगल सर्च के ज़रिये पढ़ते हैं तो आपको हर सब्जेक्ट पर विस्तार से जानकारी मिल जाएगी। यह पुस्तिका आपको इसी ओर ध्यान दिलाने के लिए लिखी गई है।
                अगर आप किसी बीमारी का इलाज करा रहे हैं। आपको रोग से मुक्ति नहीं मिल रही है। तब आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर पंच तन-मन कर्म तकनीककी प्रैक्टिस कीजिए। आपको चमत्कारी लाभ मिलेंगे। यह तकनीक इलाज के किसी तरीक़े का विरोध नहीं करती। न ही यह किसी पैथी या थिरेपी का विकल्प है। यह आपको नेचुरल हीलिंग सिस्टम के प्रति जागरूक बनाती है। जो आपके अन्दर और प्रकृति में हमेशा काम करता है लेकिन आप उससे जाहिल बने हुए हैं। इसी जहालत की वजह से आप बीमारियों और ऑप्रेशन के शिकार बनते हैं। डॉक्टर और दवाएं आपकी मददगार हैं लेकिन अपनी सेहत के लिए आपको अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी। तन मन से हेल्थ को सपोर्ट करने वाली आदतें अपनानी होंगी।
       इस पुस्तिका के कॉपीराईट सुरक्षित नहीं हैं। इसे कल्याण के संकल्प और फ़लाह की नीयत से ही लिखा गया है और इसका कॉपीराईट सुरक्षित नहीं रखा गया है। हरेक भाषा के हरेक व्यक्ति को अनुमति है कि वह इसे बिना काट छाँट किए किसी भी भाषा में अनूदित करके बाँट सकता है। इस पुस्तिका से आपको जो लाभ मिलें, आप हमें लिखकर ईमेल कर दें। हम नए संस्करण में आपके नाम, फ़ोटो और अनुभव को प्रकाशित करेंगे।

Email:allahpathy@gmail.com

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