अगर आप एक मुबल्लिग़ हैं और आप लोगों को अल्लाह के अज़ाब से डराकर नेक रास्ते पर लाने की कोशिश कर रहे हैं तो आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन यह
समझ लें कि बहुत कम लोग अल्लाह के अज़ाब से डरते हैं।
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समझ लें कि बहुत कम लोग अल्लाह के अज़ाब से डरते हैं।
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आप पवित्र क़ुरआन में सब नबियों का क़िस्सा पढ़ें कि नबियों ने लोगों को अज़ाब से डराया लेकिन ज्यादातर लोग अल्लाह के अज़ाब से नहीं डरे। उन्होंने उनकी मज़ाक़ उड़ाई।
इस एप्रोच से आप बहुत कम लोगों को प्रभावित और आकर्षित कर पाएंगे।
अल्लाह के आख़िरी नबी मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने अपनी क़ौम को एक अल्लाह की शुक्रगुज़ारी और फरमांबरदारी की तरफ़ बुलाया और अल्लाह के अज़ाब से डराया लेकिन उनकी क़ौम ने उनकी बात पर ध्यान देने के बजाय उन्हें जान से मारने की कोशिश की। लोगों ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को मक्का छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
उसी मक्का के लोगों ने जब फ़तह के बाद उन से दुनियावी फ़ायदा होते हुए देखा तो उनकी हर बात को क़ुबूल कर लिया।
दुनियादारी इंसानों को आकर्षित करने वाली चीज दुनिया का फायदा है और हमारे दीन में दुनिया का फ़ायदा पहुंचाने की बहुत ज़्यादा ताकीद है।
अल्लाह ने पवित्र क़ुरआन में दोनों काम करने के लिए कहा है कि अल्लाह पर ईमान लाने के लिए कहो, नाफ़रमानी पर उसके अज़ाब से डराओ और लोगों का भला करो। आप से आम दुनियादार लोगों को दुनिया में रोज़ी, सेहत, माल, तालीम और दवा का फ़ायदा होगा तो वे आपकी बात को मानेंगे। जिसे भी दावत के मैदान में ज्यादा लोगों को आकर्षित करना हो, उसे लोगों के लिए नफ़ाबख़्श बनकर दावत और तब्लीग़ का काम करना होगा।
याद रखें, ज़्यादातर लोग अपना हित (wellness) देखकर अपना विचार बदल लेते हैं।
फिर जो झाग है वह तो सूखकर नष्ट हो जाता है और जो कुछ लोगों को लाभ पहुँचानेवाला होता है, वह धरती में ठहर जाता है। इसी प्रकार अल्लाह दृष्टांत प्रस्तुत करता है पवित्र क़ुरआन 13:17
अब आप तय करें कि आप कम लोगों को अट्रैक्ट करना चाहते हैं या ज़्यादा लोगों को?