Dr. Arif Kamal: Anwer Jamal Khan साहब धर्म क्या है ? इसकी परिभाषा क्या है? अगर परिभाषा सही है तो धार्मिक आदमी सही हो सकता है। पर अफ़सोस, किसी भी धर्म की परिभाषा ही अभी तक सही नहीं है।
Dr. Anwer Jamal Khan: Arif Kamal bhai, दीन का मतलब तरीक़ा और क़ानून है। आदमी आस्तिक हो नास्तिक, हरेक को तरीक़े और क़ानून की ज़रूरत होती है। इसीलिए व्यक्ति और देश, आस्तिक हो नास्तिक, सबके पास तरीक़ा और क़ानून ज़रूर है।
अब आप यह देख लें कि जिस दीन यानि तरीक़ा और क़ानून से जन्म और मृत्यु के मक़सद के बारे में उठने वाले सवाल हल होते हों
जिससे व्यक्ति और समाज का भला होता हो,
वह सही दीन है।
जिससे समाज के ग़रीबों और कमज़ोरों को शांति, सुरक्षा और आवश्यक वस्तुएं मिलती हों, वह दीन सही है।
यूनिवर्स में कुछ क़ानून काम कर रहे हैं जैसे कि
The law of cause and effect
The law of polarity
The law of gestation आदि
जो दीन इन प्राकृतिक नियमों के अनुकूल हो, वह सत्य है।
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