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Friday, February 14, 2020

अपनी दावते दीन को सुन्नत और सायकोलॉजी के मुताबिक़ करने के लिए करने होंगे ये दो काम -DR. ANWER JAMAL

अगर आप लोगों को अल्लाह के अज़ाब से डराकर नेक रास्ते पर लाने की कोशिश कर रहे हैं तो आप समझ लें कि बहुत कम लोग अल्लाह के अज़ाब से डरते हैं।
आप पवित्र क़ुरआन में सब नबियों के क़िस्से पढ़ें कि नबियों ने लोगों को अल्लाह के अज़ाब से डराया लेकिन ज़्यादातर लोग अल्लाह के अज़ाब से नहीं डरे।
इस एप्रोच से आप बहुत कम लोगों को प्रभावित और आकर्षित कर पाएंगे।
अल्लाह के आखिरी नबी मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने अपनी क़ौम को फ़लाह का सीधा रास्ता दिखाया। जिसमें आख़िरत से पहले दुनिया की फ़लाह भी शामिल है। अल्लाह के आखिरी नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बताया कि एक रब, अल्लाह की शुक्रगुज़ारी और फरमांबरदारी ही दुनिया की फ़लाह और आख़िरत की फ़लाह का सीधा रास्ता है। जो इस रास्ते पर नहीं चलते, उन्हें अल्लाह के अज़ाब से डरने की ज़रूरत है लेकिन उनकी क़ौम ने उनकी बात पर ध्यान देने के बजाय उन्हें जान से मारने की कोशिश की। लोगों ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को मक्का छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
उसी मक्का के लोगों ने जब फ़तह के बाद उन से दुनियावी फ़ायदा होते हुए देखा, उनके हाथ से माल मिलते हुए देखा तो उन्होंने उनकी हर बात को क़ुबूल कर लिया। अपनी क़ौम को नबी मुहम्मद साहब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पीछे जाते देखकर मक्का के सरदार भी मजबूरन ईमान ले आए।
आम और ख़ास दुनियादार इंसानों को आकर्षित करने वाली चीज़ दुनिया का फ़ायदा है और हमारे दीन में दुनिया का फ़ायदा पहुंचाना दीनी काम और अल्लाह की इबादत है।
अल्लाह ने पवित्र क़ुरआन में दोनों काम करने के लिए कहा है कि
1. लोगों से अल्लाह पर ईमान लाने के लिए कहो, उसकी नाफ़रमानी पर उसके अज़ाब से डराओ और लोगों का भला करो। अपनी बात के हक़ में दलील दो और बताओ कि आप अपना भला चाहते हैं तो अपना नज़रिया और अपना अमल सही कर लें।
2. इसी के साथ आप आम दुनियादार लोगों को दुनिया में रोज़ी, सेहत, माल, तालीम, दुआ और दवा का फ़ायदा पहुँचाओ। आप ऐसा करेंगे वे आपकी बात को मानेंगे। अगर वे फ़ौरन आपकी हिमायत में न भी खड़े हों, तब भी उनके दिलों में आपके भला इंसान होने की बात जम जाएगी। जो आपको के काम में सपोर्ट करेगी। जिसे भी दावत के मैदान में ज्यादा लोगों को आकर्षित करना हो, उसे लोगों के लिए नफ़ाबख़्श बनकर दावत और तब्लीग़ का काम करना होगा। 
नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और मक़बूल सहाबा ए किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम अज्मईन ये दोनों काम करते थे। आज दावती मुबल्लिग़ पहले काम को अंजाम दे रहे हैं लेकिन वे लोगों को दुख से निकाल कर उन्हें सुख पहुंचाना अपनी दावती ज़िम्मेदारियों में नहीं समझते, लेकिन कुछ मुबारक लोग ऐसा करते हैं।
अल्लाह नफ़ा पहुंचाने वाले कल्याणकारी इन्सान को ज़मीन में जमा देता है और उसके दुश्मनों की जड़ काटकर उन्हें अब्तर कर देता है।
किसी आदमी का धर्म, जाति और भाषा या देश कुछ भी हो, हरेक अपना भला चाहता है। उसका जो भी भला कर सकें, उसका भला करें और उसे दलील से सैटिस्फ़ाई करें कि इस्लाम के नज़रिए से उनका दुनिया में और मौत के वक़्त और मरने के बाद क्या क्या भला होता है?
इससे आपकी दावत में तासीर बहुत ज़्यादा हो जाएगी क्योंकि अब यह सुन्नत और सायकोलॉजी के मुताबिक़ होगी।

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