अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम के ज़माने में अपने बंदों को मन्न और सलवा खिलाया। एक रिसर्च के मुताबिक़ मन्न दो झाड़ियों Tamarix mannifera (झाऊ), Alhagi maurorum (Persian Mannaplant जवांसा) से मिलता था और सलवा एक परिंदा था। रब ने उन्हें बस्तियों से दूर नेचर से यह फ़ूड दिया था। उन्हें यह फ़ूड मुफ़्त और बिला मशक़्क़त मिलता था और इस फ़ूड से उन्हें सभी ज़रूरी पोषक तत्व मिल जाते थे। बाईबिल (exodus 16:31) और क़ुरआन (2:57) दोनों में रब की इस नेमत का ज़िक्र है। जब हम अल्लाह की इस निशानी पर ग़ौर करते हैं तो हमें पता चलता है कि रब रज़्ज़ाक़ है और नेचर में सबका रिज़्क़ भरपूर मौजूद है, अल्हम्दुलिल्लाह!
जो लोग अल्लाह की निशानियों में ग़ौरो फ़िक्र करते हैं, उन्हें हर जगह कुछ ऐसी चीज़ें मिल जाएंगी, जो खाई जा सकती हैं और उनसे ज़रूरत के सभी तत्व मिल जाते हैं। जैसे कि हज़रत साबिर साहब कलियरी रहमतुल्लाहि अलैह गूलर खाया करते थे और गूलर से भोजन की ज़रूरत पूरी हो जाती है, अल्हम्दुलिल्लाह!
सहजन भी एक ऐसा ही पेड़ है। इसे इस सेंचुरी की डिस्कवरी क़रार दिया गया है। यह ग़रीबों की बस्तियों में और ख़ास तौर से बिहारियों की बस्तियों में आम पाया जाता है। इसके एक मुठ्ठी पत्ते खाने से प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी और दूसरे न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं। सभी ग़रीब लोग बरसात में इस पेड़ को अपने घर में या सड़क के किनारे सरकारी ज़मीन पर लगाकर मन्न व सल्वा की तरह मुफ़्त में बिला मशक़क़्त रब की क़ुदरत से उम्दा और पाक फ़ूड पा सकते हैं।
आप लोग इस बरसात में गूलर और सहजन के साथ अंजीर भी लगा दें। आप लोग अमीर या मिडिल क्लास हैं और आप सोच सकते हैं कि आपको गूलर, सहजन और अंजीर की ज़रूरत नहीं है तो यह आपका अज्ञान है।
आप इन तीन पेड़ों के बारे में यूट्यूब पर वीडियो देखें। इसके बाद आपको पता चलेगा कि पेट व लिवर रोगों को और फ़ेल हो चुके गुर्दों को ये ठीक करते हैं। जिन औरतों के बाल झड़ रहे हैं और जिनके चेहरे पर झुर्रियां पड़ चुकी हैं। उन्हें ये तीनों पेड़ बूढ़े से जवान बनाते हैं।
जो लोग अमीर हैं। उन्हें जवान, हसीन और ताक़तवर बने रहने के लिए गूलर, सहजन और अंजीर खाना ज़रूरी है। जब अल्लाह के नेक हकीम बंदों की छोड़ी हुई किताबें पढ़ेंगे तो आपको वहाँ ऐसे दर्जनों पेड़ पौधे और भी मिलेंगे, जो जंगल में ख़ुद पैदा हो जाते हैं या उन्हें घर में, गमलों में बहुत आसानी से उगाया जा सकता है और उनसे साल भर मुफ़्त में रोज़ी मिलती है।
कोविड19 की वजह से यह ख़ुद को ज़िंदा रखने का साल है।
इसलिए मन्न और सल्वा के कांसेप्ट को आम करने की ज़रूरत है। जंगल में झाऊ और जवांसा भी बहुत मिलता है।
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