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Monday, October 15, 2018

क्या आप तुरंत शाँति पाना चाहते हैं? Dawah Psychology for Instant Peace By Dr. Anwer Jamal

शाँति से ही कल्याण है
जो आपके अंदर है, वही आपकी ज़िन्दगी के हालात में रेफ़्लेक्ट होगा। आपके अन्दर शाँति होगी तो आपकी ज़िन्दगी में शाँति के हालात होंगे। आपकी दिल में तनाव (Stress) होगा तो आपकी ज़िन्दगी में तनाव के हालात होंगे।
आप रब के सामने समर्पण करें। उसके सामने सज्दे और साष्टांग में झुककर अपना माथा ज़मीन पर रख दें। आपका तनाव चाहे जितना ज़्यादा हो, वह तुरंत कम होने लगेगा और आपको अपने अंदर शाँति महसूस होगी। बार बार ऐसा करें। बार बार अपने आपे में शांति महसूस करें। फिर अंदर की शांति बाहर भी रेफ़्लेक्ट होने लगेगी। आपका कल्याण हो जाएगा।

सज्दा एक पैदा करने वाले के प्रति समर्पण है। समर्पण से शांति महसूस होती है। जिस शांति को आप बाहर ढूंढ रहे हैं, वह आपके अंदर पहले से ही है। यह एक आसान तरीक़ा है। यह एक अचूक तरीक़ा है। यह Instant Result देता है। हरेक धर्म और देश का मर्द, औरत और बच्चा सज्दा कर सकता है। पूरा परिवार और पूरा देश सज्दा करें तो हर तरफ़ शांति होगी। सबका कल्याण होगा।

'Islam means Peace.'
यह बात हमने मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रह. से बार बार सुनी है। हमारे उस्ताद मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रहमतुल्लाहि अलैह की परी ज़िन्दगी शांति के लिए काम करते हुए गुज़र गई। उनकी ख़ास आदत यह थी कि तक़रीबन सभी लोगों से उनके नामों के बारे में ज़रूर बात करते थे। जब वह किसी से उसके नाम के बारे में बात करते थे तो वह उनकी बात को बहुत ध्यान से सुनता था। उन्हें अरबी, फ़ारसी, उर्दू, हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेज़ी और इलाक़ाई ज़ुबानों और लहजों का गहरा इल्म था। इसलिए वह हरेक नाम के बारे में बहुत गहरी नाॅलिज रखते थे। आप भी लोगों के नामों के मीनिंग समझने की कोशिश करें। जिस नाम के मीनिंग का आपको पता न हो तो आप उस मिलने वाले से उसके नाम का मीनिंग पता कर सकते हैं। अगर वह जानता है तो वह आपको ज़रूर बताएगा और उसे बताते हुए ख़ुशी होगी। 
आप उसके माँ बाप की तारीफ़ कर सकते हैं कि उन्होंने उसके लिए इतना अच्छा नाम रखा। ऐसा उसके साथ किसी ने न किया होगा। उसे आपकी बात सुनकर अच्छा लगेगा। यही वह पल होगा, जब उसका दिल आपके लिए खुल जाएगा।
आप उसे बता सकते हैं कि हरेक नाम अपने अन्दर एक पूरा काॅन्सेप्ट है। अच्छा नाम अच्छा काॅन्सेप्ट है। माँ बाप अपने बच्चे का जो नाम रखते हैं, उससे यह पता चलता है कि वे अपने बच्चे में कौन से गुण देखना चाहते हैं। बच्चे की यह ज़िम्मेदारी है कि वह अपने नाम की अच्छाई को ज़ाहिर करे। यह अच्छाई ज़ाहिर करना ही रब की तस्बीह है, जोकि हरेक इन्सान की नेचुरल ड्यूटी है।
आप देख रहे हैं कि आखि़री लाईन में बताया गया है कि रब की तस्बीह करना इन्सान की नेचुरल ड्यूटी है। अब आप इसे किस तरह और कितना बता सकते हैं, यह आपकी समझ पर है और इस बात पर है कि आप दोनों के पास कितना वक़्त है!
आप उसकी बातें ग़ौर से सुनें।
आप ध्यान दें कि वह किस मसले का हल तलाश कर रहा है और अल्लाह ने उस मसले का हल पवित्र क़ुरआन में क्या बताया है?
आप उसे वह हल बताएं। इस पाॅइंट से भी आप अपनी बात शुरू कर सकते हैं। मक़सद शांति होना चाहिए जो कि इस्लाम की शिक्षा है। शाँति से ही कल्याण, फ़लाह और वेलनेस है।
ऐसी ख़बरें रोज़ सुनने में आती हैं, जो Emotional Management और Solution पर काम करने की ज़रूरत का एहसास दिलाती हैं।
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इस काम को सिर्फ़  मनोचिकित्सक psychiatrist नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनकी तादाद बहुत कम हैं।
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दावती और तब्लीग़ी बहन भाई अपने मिलने वालों को  Wellness Education देकर रह ज़िम्मेदारी अदा कर सकते हैं।
सो अपने घर, अपने देश और पूरे प्लेनेट को शांतिपूर्ण बनाने के लिए मुबल्लिग़ दाई वेलनेस एजुकेशन दें और सबका कल्याण करें।
यह वक़्त की ज़रूरत है और सब नबियों ने यह काम किया है। तनाव में जी रहे लोगों की जान बचाना हमारी ज़िम्मेदारी है।
इस ज़रूरत का एहसास दिलाने वाली एक ताज़ा ख़बर देखें:

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