आज देश विदेश में करोड़ों लोग बेरोज़गार हैं और करोड़ों लोग बीमार हैं। वे सब लोग हल चाहते हैं।
जिन्हें हल नहीं मिला, वे चोरी-डकैती से लेकर तन बेचने और सिर फोड़ने तक सब हराम काम कर रहे हैं।
इसीलिए मेरी तब्लीग़ ए दीन का शुरू से एक मेन प्वाईंट है-'दीनी तरीक़े से छोटी तिजारत शुरू करके अमीर बनो।
जिसे कोई भी दावती जमात न कहती है और न अमीर बनना सिखाती है।
जबकि ये काम नबियों और राशिद ख़लीफ़ा बुजुर्गों की सुन्नत है।
... लेकिन अब भुखमरी और बीमारी के दौर में केवल अमीर ही सरवाईव करेगा।
अमीर लोग ही सरकार और जनता को दान और मदद दे रहे हैं।
ग़रीब तो मदद माँग रहा है। जो किसी को मिल रही है और कोई भूखा पड़ा रो रहा है।
#Allahpathy में मैं सिखाता हूँ कि
'ऐ लोगो, बोओ, काटो और खाओ।'
'अपने घर पर गमलों में सब्ज़ी और फल पैदा करो।'
'सिरका बना लो।'
'अचार बना लो।'
'ताक़त और वक़्त बढ़ाने की कोई माजून बना लो।'
'पेट साफ़ करने की कोई चूरन-चटनी बना लो।'
'जो बिके, उसे बेच लो। जो बच जाए, उसे ख़ुद खा लो।'
हमारे वालिद मरहूम ने हमें ख़ूब अंडे मुर्ग़े खिलाए क्योंकि हमारा घर बड़ा है और उन्हें मुर्ग़ी बकरी पालने का शौक़ था।
इस देश में हर हाल में मौज लेने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
आपको उन संभावनाओं को पहचानकर उनसे फ़ायदा उठाना सीखना है।
मेरा विशेष अनुभव: धनिया, मिर्च, हल्दी और शहद असली हों तो इन्हें घर से भी आसानी से बेचा जा सकता है और बहुत आसानी से परिवार पाला जा सकता है। हर बेरोज़गार दुखी बाप-बेटे, बहन-भाई तक यह बात पहुंचा दें।
क़ुरआन से बरकत हासिल करें:
अपने घर में मौजूद खाने पीने के सामान पर, माल पर और औलाद पर सूरह कौसर पढ़कर दम करते रहो तो भी रिज़्क़, माल और औलाद में ग़ैब से बरकत होती है। आपकी नस्ल का दुश्मन कमज़ोर पड़ता है।
मुझे बरकत ऐसे ही मिली है। यह मेरा तजुर्बा है। जो काम इस लेसन में बताए गए हैं, वे सब काम मैंने ख़ुद किए हैं। मैं आज मौज ले रहा हूँ और मैंने जिसे भी रोज़ी कमाने का यह सबक़ दिया और उसने किया, वे सब भी आज मौज ले रहे हैं, अल्हम्दुलिल्लाह!
आप इस यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर लें तो आपको कुछ महत्वपूर्ण लेक्चर एक जगह मिल जाएंगे। जो आपको मुश्किल वक़्त में सरवाईव करने में मदद देंगे।
https://youtu.be/pt1xj76LyQQ
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